999 Phone Charging Myth and Urban Legend in Hindi. क्या कभी सुना है अगर फ़ोन की बैटरी ख़त्म होने वाली हो तो 999 पर कॉल करते ही काट देने से आपके फोन की बैटरी चार्ज होना शुरू हो जाएगी.
ब्रिटिश पुलिस ने इसे सिरे से नकार दिया है. बावजूद इसके कुछ लोग आज भी इस अर्बन लीजेंड में विश्वास करते है.
दुनिया के अलग अलग हिस्सों में ऐसी कुछ कहानियां है जो बहुत ज्यादा पोपुलर है. कुछ ऐसी अनसुलझी घटनाए और कहानियां जिन पर लोगो का भरोसा समय के साथ बढ़ता जाता है.
आपने कुछ जगहों के बारे में अलग अलग कहानिया जरुर सुनी होगी जैसे की Goat man bridge, Nale ba ये कुछ ऐसी कहानियां है जिन पर लोगो का समय के साथ विश्वास बढ़ता गया है.
पीढ़ी दर पीढ़ी ये कहानियां आगे बढती है और धीरे धीरे अर्बन लीजेंड बन जाती है.
आज हम 999 Phone Charging Myth and Urban Legend के बारे में बात करने वाले है जो की लोगो के बीच काफी पोपुलर बन चुकी एक घटना है.
साल 2012-13 के आसपास ब्लैकबेरी फोन काफी पोपुलर थे. उनकी एक फीचर में कमी थी जिसकी वजह से मोबाइल फोन की बैटरी जब ख़त्म होने वाली होती है तब फ़ोन लॉक कंडीशन में चला जाता था.
इस कमी की वजह से लोगो के बीच एक अवधारणा फ़ैल गई की अगर हम 999 या किसी भी emergency number पर कॉल करे तो ये हमारे फोन की बैटरी को बूस्ट कर देती है.
आइये जानते है इस अवधारणा के बारे में और क्या वाकई 999 पर कॉल करने के बाद मोबाइल फोन की बैटरी चार्ज होती थी ?
999 Phone Charging Myth and Urban Legend
दरअसल ये बात 2012-13 की है जब मार्किट में ब्लैकबेरी के मोबाइल काफी ज्यादा प्रचलन में थे.
अपने शुरुआती स्तर में मोबाइल फ़ोन में कुछ कमियां थी जिसमे से एक थी बैटरी के कम होने की स्थिति में इसका लॉक हो जाना और सिर्फ इमरजेंसी कॉल के अलावा कुछ और किया नहीं जा सकता था.
ज्यादातर लोगो के साथ ऐसी स्थिति होती थी की उनके मोबाइल की बैटरी ख़त्म होने वाली होती थी और उन्हें किसी को कॉल करना होता था.
ऐसी स्थिति में उनका फोन लगभग लॉक हो जाता था और रेडियो कॉल में सिर्फ इमरजेंसी को छोड़कर किसी को कॉल नहीं की जा सकती थी.
ऐसी स्थिति में अगर आप किसी को कॉल करना चाहते है तो आपको इमरजेंसी नंबर डायल करना चाहिए. इससे आपका फोन इमरजेंसी से बाहर नोर्मल वर्क करने लगता था.
जब आप इमरजेंसी नंबर डायल करते है तब आपका फ़ोन उस स्थिति से बाहर आ जाता है और अगले कुछ मिनट के लिए आप किसी को कॉल कर सकते है.
इस तरह का प्रेंक / 999 Phone Charging Myth सोशल मीडिया पर काफी पोपुलर हुआ.
999 dialing and battery full myth
जब लोगो को इसका पता चला तो उन्होंने बार बार 999 emergency नंबर को डायल करना शुरू कर दिया. इसका ब्रिटिश पुलिस ( रीजनल नंबर ) के काम पर काफी बुरा असर पड़ा.
जब भी उन्हे कोई इमरजेंसी कॉल करता तो उन्हें फिर से कॉल बेक कर कन्फर्म करना पड़ता था की क्या वाकई में उस व्यक्ति को हेल्प चाहिए ?
इसका परिणाम ये हुआ की अगर किसी को सच में हेल्प चाहिए तो उस तक हेल्प नहीं जा पाती थी. पुलिस का ज्यादातर समय ये कन्फर्म करने में जाने लगा की किसे हेल्प चाहिए किसे नहीं.
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I-phone-bug and emergency call 999
आई फ़ोन में एक कमी थी जिसमे सीरी ( Virtual Assistent ) को जब भी आप “Hey Siri Charge my Phone over 100%” कहते है तो ये आपके फ़ोन में इमरजेंसी को कॉल करना शुरू कर देता है.
इस तरह की स्थिति का किसी आपातकालीन अवस्था में फायदा मिलता लेकिन, ये एक कमी थी.
समय के साथ अगले अपडेट में इसे दूर कर दिया गया. वैसे आपको क्या लगता है क्या इस तरह की कमी से किसी को फायदा हो सकता था ?
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Urban legend of 999 Phone Charging Myth conclusion
इमरजेंसी नंबर को डायल करने पर आपके फ़ोन की बैटरी बूस्ट हो सकती है इस तरह की अवधारणा ने एक समय में इमरजेंसी हेल्पलाइन को काफी परेशान किया.
अगर किसी को वाकई में हेल्प चाहिए तब भी लोगो तक हेल्प नहीं पहुँच सकती थी क्यों की ज्यादातर समय तो ये तय करने में जा रहा था की वाकई में किसी को हेल्प चाहिए या नहीं.
लोगो के बीच फैली 999 Phone Charging Myth की वजह से बैटरी ख़त्म होने की स्थिति में भी लोगो ने कॉल करने के लिए इस कमी का फायदा उठाना शुरू कर दिया.
बेशक लोगो को इसकी वजह से फायदा तो हुआ लेकिन, इसकी वजह से हेल्पलाइन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.