क्या आप सबसे आसान तरीके से astral travel experience करना चाहते है ? हर किसी का सपना होता है की वो भी अपने शरीर से बाहर निकले और spiritual world journey को enjoy करे लेकिन, अगर शरीर में वापस ना आ सके तो ? क्या मेरी astral body बाहरी दुनिया में ही फंस कर रह जाएगी. ज्यादातर लोगो का मानना है की अगर सही तरीके से एस्ट्रल ट्रेवल नहीं की तो आपका एस्ट्रल बॉडी दुसरे डायमेंशन में फंस कर रह जाता है या फिर आत्माए आपके शरीर पर कब्ज़ा कर लेती है. आइये आज हम जानते है की बिना किसी डर के step-by-step हम astral travel का experience कैसे कर सकते है.
सूक्ष्म शरीर की यात्रा वाकई एक अद्भुत और अनोखा अनुभव होता है. ज्यादातर लोग शुरुआत में सूक्ष्म शरीर की यात्रा के दौरान घबराहट महसूस कर सकते है. पर अगर इसे पूरी तरह समझ कर किया जाये तो सूक्ष्म शरीर की यात्रा बिलकुल एक सामान्य यात्रा का अनुभव दे सकती है. आसानी से सूक्ष्म शरीर की यात्रा कैसे की जाये यही आज की पोस्ट का विषय है. जिसमे हम बात करेंगे उन टिप्स की जिन्हें ध्यान रख कर आप सूक्ष्म शरीर की यात्रा के पहले अनुभव को रोमांचक बना सकते है.
सूक्ष्म शरीर की यात्रा के दौरान ही ध्यान देना जरुरी नहीं इसके अनुभव के बाद की घटनाओ पर भी ध्यान देना जरुरी है ऐसा इसलिए ताकि हम सूक्ष्म शरीर की यात्रा और सामान्य निद्रा में फर्क महसूस कर सके.
How to Astral travel experience Hindi
हम सूक्ष्म शरीर की यात्रा को 3 हिस्सों में समझते है. पहला खुद को शिथिल करना ( Take Off ) दूसरा सूक्ष्म शरीर के बाहर आने के बाद Lucid Dream को Manage करना. और तीसरा सूक्ष्म शरीर के बाहर रहने के दौरान किये गए अनुभव को दोहराना. अगर इस पोस्ट को पहली बार पढ़ रहे है तो आप पहले सूक्ष्म शरीर की यात्रा से जुड़ी अन्य पोस्ट भी पढ़े ये आपकी शुरुआती समस्या को हल करने में मदद करेगी. तो फिर आज जानते है की सूक्ष्म शरीर की यात्रा को 3 भाग में बाँट कर कैसे सम्पूर्ण यात्रा का आनंद उठा सकते है.
इससे पहले की हम astral travel experience की शुरुआत करे सबसे पहले समझते है उन तकनीक को जिनमे सूक्ष्म शरीर यात्रा को चरणबद्ध किया गया है.
Take Off / शिथिल होने की तैयारी
शरीर के शिथिल होने के बाद ही मन को साधा जा सकता है. शरीर को शिथिल करना काफी नहीं है इसके साथ ही हमें Energy के Flow को भी मुक्त करना पड़ता है. हमारे शरीर की Energy Body यानि औरा हमारे शरीर और सूक्ष्म शरीर को जोड़े रखती है. चक्र जागरण भी हमें सूक्ष्म शरीर की यात्रा में मदद करता है क्यों की इससे हमारा शरीर ज्यादा से ज्यादा ऊर्जावान बना रहता है.
आपके शरीर का पूर्ण रूप से शिथिल होना जरुरी है इसके लिए शवासन की विधि देखे. क्यों की सूक्ष्म शरीर तभी बाहर निकल सकता है जब आपका शरीर हर अंग शिथिल हो. शवासन एक ऐसी अभ्यास विधि है जो न सिर्फ आपके शरीर बल्कि मन को भी इस कदर लय में ला देती है की आप बिना किसी परेशानी के आसानी से खुद को इसके लिए तैयार कर सके.
1.) सोते हुए भी चेतना का जाग्रत रहना
सोते हुए भी जाग्रत रहने का मतलब है चेतन्य रहना इसमें हमारा भौतिक शरीर शिथिल रहता है लेकिन मस्तिष्क नहीं. हमारी चेतना जाग्रत रहती है और हम अपने आसपास के वातावरण से प्राप्त होने वाले हर स्पंदन ( Vibration ) को महसूस कर सकते है. Lucid Dream का मतलब ही जागते हुए सपने देखना है शरीर सो जाता है लेकिन मस्तिष्क सपनो को अपनी कल्पना के हिसाब से डिज़ाइन करता रहता है. और ये हमें जागने के बाद भी याद रहता है.
शुरू शुरू में जब शरीर शांत और शिथिल होता है तब हमें नींद आ जाती है. ज्यादातर लोग astral travel experience के लिए इसे सही नहीं मानते है लेकिन अगर आपको सफल होना है तो सबकुछ स्वभाविक तरीके से होने दे. स्वभाविक का मतलब है अगर नींद आती है तो आने दे. आप पाएंगे की कुछ दिन बाद नींद आना बंद हो जाता है और हम शरीर को चेतन्य रहते हुए शिथिल करने में सक्षम हो जाते है.
2.) बार बार Astral travel experience को repeat करना
हालाँकि ये अभ्यास का भाग नहीं है. लेकिन अभ्यास में मजबूती और स्थायित्व लाने के लिए इसे दोहरा सकते है. इसमें हमें हमारे अनुभव को याद रखना होता है. सूक्ष्म शरीर और शरीर से बाहर जो भी अनुभव किया जाता है वो सब हमारे सूक्ष्म शरीर के Extra Physical Brain” (Or Para Brain) में Store हो जाता है.
याद रखे आपके सूक्ष्म शरीर के Extra Physical Brain” (Or Para Brain) और भौतिक शरीर के बिच सूचना का आदान प्रदान होना जरुरी है ये इसलिए क्यों की आपके भौतिक शरीर में प्रवेश करने के लिए ये जरुरी होता है और यही प्रोसेस कहलाती है Recalling प्रोसेस.
जब भी आप एस्ट्रल ट्रेवल का अभ्यास करे इसके तुरंत बाद इसे डायरी में लिख ले. हर पल को डायरी में लिखने की वजह से आपके अंदर अभ्यास को लेकर मजबूती और आत्मविश्वास पैदा होने लगेगा. अगली बार जब आप अभ्यास करेंगे तो इसमें आपको help मिलेगी.
3.) Astral travel experience और भावना को दोहराना
OBE यानि शरीर से बाहर के अनुभव को आसान बनाने के लिए और Recalling प्रोसेस को सरल बनाने के लिए आप Self-Suggestion की मदद ले सकते है. इसमें आपको एक वाकया बार बार कुछ देर दोहराना होता है ये बिलकुल वैसे ही है जैसे हम छोटे बच्चों का डर निकालने के लिए उनसे एक बात को कुछ देर इस तरह दोहराते है की वो उनके मस्तिष्क में बैठ जाती है और फिर उनका डर निकल जाता है या फिर उनका ध्यान अपनी चोट पर से हट जाता है.
हम जो वाक्य दोहराते है वो बिलकुल सामान्य और सरल होना चाहिए जैसे की में अपने शरीर में Lucid Dream से वापस आऊंगा और उस वक़्त मुझे सब याद होगा ये याद रखे की उस वक़्त आपका सारा ध्यान उस वाकया पर हो क्यों की एकाग्रता की आवश्यकता होती है.
पढ़े : टोटके का सिद्धान्त और वशीकरण के 42 सरल और अचूक टोटके
Recall की Process
Recall की Process सही रूप से हो इसलिए जब सूक्ष्म शरीर की यात्रा ख़त्म हो जाये तब एक दम से न जगे इससे आपका मस्तिष्क उस Recall की प्रोसेस को दोहरा नहीं पाएगा. इसलिए धीरे धीरे जगना चाहिए और Recall की Process को दोहराते हुए चेतन्य होना चाहिए. इसलिए आप ऐसे अलार्म का इस्तेमाल करे जिनकी शुरुआती आवाज धीमी हो धीरे धीरे बढ़ने वाली हो. और आपके Re-Connection यानि भौतिक शरीर से सूक्ष्म शरीर के बिच सम्प्रेषण की प्रक्रिया पूरी हो जाये.
इन सबका मतलब निकलता है. शरीर को सुला दे, मस्तिष्क को चेतन्य रखे, और अनुभव के बाद Data ट्रांसफर की Re-Connection की प्रोसेस को दोहराए. सबसे खास बात अभ्यास पूरा होने के बाद कभी भी झटके से न उठे. इस प्रक्रिया में आपका शरीर शिथिल हो जाता है जिसे पूरी तरह चेतन्य होने में कम से कम 2 मिनट लगते है.
Astral travel experience कुछ जरुरी सुझाव
7 सूक्ष्म शरीर के Projection टिप्स जो आपको शुरू में मदद करते है. इन्हें अगर आपसही तरीके से कर लेते है तो आप आसानी से खुद बिना किसी डरावने अनुभव के सूक्ष्म शरीर की यात्रा को अंजाम दे सकते है.
किसी और पर भरोसा करने की बजाय खुद कर के देखे:
हम पढ़ते है चाहे किसी भी माध्यम से लेकिन जब अनुभव खुद करते है तो वो हमारे पढ़े हुए ज्ञान से अलग होता है. इसलिए कभी भी पढ़ी हुई बातो को ही अनुभव न मान ले. खुद अनुभव कर के देखे बजाय किसी से सुनने के इससे आपकी शक्ति बढ़ेगी और आप ज्यादा बेहतर अनुभव जी सकते है.
दुसरे लोग शरीर से बाहर विचरण को लेकर क्या सोचते और बोलते है उस पर विचार करने की बजाय खुद का अनुभव बनाए. अक्सर पढ़ी लिखी बाते ज्यादातर तो डराने के लिए कही जाती है. हो सकता है आपका पहला astral travel experience डरावना नहीं बल्कि रोमांचक हो.
दूसरों के अनुभव सिर्फ रास्ता दिखा सकते है और कुछ नही.
एक तरीका ले और महीने में 15 बार उसे आजमाए :हर इंसान एक ही तरीके से अनुभव नहीं करता है इसलिए हम किसी के लिए अलग अलग तकनीक होती है जिनमे वो बेहतर कर सकता है. एक तकनीक को समझे उसे बार बार अच्छे से दोहराए. इससे आप उसमे बेहतर हो जाते है और आपको अनुभव भी अच्छे होने लगते है.एक तरीके को बार बार दोहराने से आपका अभ्यास अच्छा बना रहता है.
दुसरो के अनुभव से हम सीख सकते है लेकिन हमें भी वो अनुभव हो ऐसा जरुरी नहीं. सभी के अपने अपने अनुभव होते है और उसी के आधार पर हम नयी नयी चीजे सीखते है. अगर आपको लगता है की आप दुसरो के अनुभव सुनकर practice करेंगे और आपको भी वही अनुभव होंगे तो ये आपका भ्रम है.
मस्तिष्क का सही होना जब तरीका Apply करते है :
जब भी आप Astral Body Projection का तरीका आजमाते है उस वक़्त आपके मस्तिष्क में उससे जुड़े भाव होने चाहिए जैसे की आपका आत्मविश्वास, खुद से प्रेरित, जिज्ञासु, होने चाहिए. इसलिए आप भय, खुद पर शंका, गुस्सा, और फालतू के विचारों से दूर आपका मन शांत होना चाहिए.
अगर आपके मन में इस अभ्यास को लेकर किसी तरह की शंका है तो उसका समाधान पहले ही कर ले. भयभीत मन से किया गया अभ्यास या तो अधूरे परिणाम देगा या फिर आपके astral travel experience को एक बुरा अनुभव बना देगा जिसके बाद शायद आपकी हिम्मत ही दोबारा इस तरह का अभ्यास करने की न हो.
अभ्यास के लिए जगह और स्थिति का चुनाव
अभ्यास के लिए जगह और स्थिति का चुनाव भी मायने रखता है. जैसे की आपके अभ्यास की जगह पर एक Lock हो जिससे बाहरी लोगो का आना-जाना बंद कर सके. और अभ्यास जिस जगह किया जाये वहां पर रौशनी का पर्याप्त इंतजाम हो.
- अभ्यास जिस जगह करे वो ऐसी हो जहां आप अपने विचार और भाव नियंत्रित कर सके.
- बेहतर महसूस करने के लिए कमरे का तापमान 20 Degree हो ताकि न ठण्ड न गर्मी लगे.
- किसी भी तरह के बाह्य माध्यम से बिलकुल दूर रहे जो आपको कभी भी परेशान कर सके जैसे की मोबाइल और पब्लिक Place.
- अपने आप को आराम से लेट कर शिथिल कर ले. ये सब आपके मन और शरीर को शिथिल करने के लिए आवश्यक है.
का वक़्त कितना लम्बा होना चाहिए
कम से कम 30 मिनट और ज्यादा से ज्यादा 1 घंटा astral travel experience के लिए सही रहता है. इसलिए आप अलार्म भी सेट कर सकते है. अगर आप इतना करने के बाद कुछ भी प्रभाव नहीं पाते है तो इसे फिर से स्टेप से करे. स्टेप में किया गया अभ्यास हमें ज्यादा बढ़िया परिणाम दिलाता है वो भी बिलकुल सेफ तरीके से और सबसे बड़ी बात इसमें हमारा आत्मविश्वास का स्तर बढ़ता ही है.
पढ़े : स्वंय सम्मोहन से बीते कल को कैसे बदले
अभ्यास में भौतिक से परे अनुभव
अभ्यास के दौरान आप कई तरह से अनुभव कर सकते है ये आपके शरीर से बाहर के अनुभव और Lucid Dream के दौरान अनुभव होते है. जैसे की आपके शरीर में कम्पन महसूस करना, शरीर का तापमान बढ़ जाना, आंतरिक विद्युत ऊर्जा में बढ़ोतरी, मस्तिष्क पर दबाव, ये सभी संकेत आपको दूसरे आयाम से जुड़ने के या फिर अपने भौतिक शरीर से हटने के है. अगर आप ये सब अनुभव करते है तो आप इसे लिख ले और बाद में इस पर विचार कर सकते है.
ये आपको आगे बढ़ने में मदद करेंगे. हमारे शरीर में मौजूद भौतिक, सूक्ष्म, प्राणमय कोष जैसे सभी स्तर के बिच तालमेल बनना शुरू हो जाता है जिसकी वजह से हम स्थिर रहते हुए astral travel experience को आसानी से कर पाते है.
अभ्यास के दौरान का हर अनुभव लिखना
अभ्यास के दौरान होने वाले हर अनुभव को लिखने की आदत डाले. ये आपके अनुभव को और ज्यादा आगे बढ़ने में मदद करेगी. इसलिए हर रोज सुबह जो अनुभव हो उसे लिखे. ये आपके अनुभव को बाद में ताजा करने में और उसे समझने में सहायता करेगा.
जब हम पुरानी बातो को एक डायरी में लिखते है तो इससे हमारे अनुभव subconscious level पर पहुंचना शुरू हो जाते है. ये सब हमें अभ्यास में आगे बढ़ने में सहायता करते है. अगर हो सके तो आप जो भी practice करते है उसे स्टेप से लिखना शुरू कर दे. Astral travel experience को लिखने पर आप उसे बारीकी से समझ पाएंगे.
astral travel experience Benefit
सूक्ष्म शरीर की यात्रा का अनुभव हमारे लिए काफी फायदेमंद है जिसमे पहला है मृत्यु का भय समाप्त होना ऐसा इसलिए क्यों की हम अपनी समझ और ज्ञान के सहारे इस भौतिक संसार को समझने लगते है. जब ऐसा होता है तब हम खुद की समझ और सूझबूझ के साथ अपनी समस्या के समाधान खुद हल करने में सक्षम हो जाते है.
- शरीर से बाहर निकल कर भौतिक दुनिया और आयाम से जुड़ने से आपको कई फायदे है ये आपकी जिंदगी के बड़े बदलाव में से एक होता है.
- सबसे बड़ा फायदा ये है की इसके कुछ अनुभव के बाद मनुष्य जिंदगी को विभिन्न नजरिए से देखना शुरू कर देता है . इसके अलावा मौत को समझना उसके लिए मुश्किल नहीं रहता है.
- जब इंसान को ये समझ आ जाता है की मौत कभी नहीं होती है हमारा वजूद हमेशा भिन्न भिन्न स्थिति में बना रहता है तो भय की बजाय उसमे ख़ुशी, संतोष,ज्यादा शांत, और विश्वास से भरी जिंदगी जीने लगता है.
- Astral Body अनुभव से हम अपने जीने की वजह को जान पाते है, हर इंसान एक खास जगह जन्म क्यों लेता है उसकी जिंदगी का मकसद क्या है ये सब वो जान पाता है. जिससे वो एक Happier लाइफ जीता है. कुछ अनुभव के अनुसार हम अपने उन प्रियजनों से भी मिल पाते है जो पिछली जिंदगी में गुजर चुके होते है.
पढ़े : औरा क्षेत्र का निर्माण और उसको संतुलित रखने के उपाय
सूक्ष्म शरीर की यात्रा का अनुभव करना मुश्किल कार्य नहीं है. लेकिन इसे याद रखना और एक सही तरीके से पूरा कर पाना बहुत कम लोगो के बस की बात है. आज की पोस्ट में हम इन बातो को सरल शब्दो में समझाने का प्रयास कर चुके है. फिर भी अगर आपके मन में इससे जुड़ा कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है.
Astral travel experience final word
दोस्तों astral travel experience को step-by-step करने से हमें इसके सेफ अनुभव आसानी से मिलने लगते है. अगर आपके मन में इस अभ्यास को शुरू करने से पहले कोई भी शंका या सवाल हो तो उसका समाधान जरुर कर ले. हमेशा अपने अभ्यास को स्थिर और शांत रहते हुए करे. दुसरो को क्या अनुभव होते है इस बारे में सोचे बगैर खुद से करे. आगे बढ़ने लगे तो डायरी में उस प्रोसेस को दोहराना न भूले. ये सभी tips आपको आगे बढ़ने में मदद करेंगे.
अगर आपको पोस्ट अच्छी लगे तो शेयर करना न भूले. ज्यादा अपडेट के लिए हमें Subscribe जरूर करे.
- अँधेरी रात में 3 बजे शीशे के सामने खड़े होकर कभी उसे 3 बार मत पुकारना वो जवाब जरुर देगी
- जिसके बारे में सोचना नहीं चाहते वही बार बार याद क्यों आता है ?
- क्या किसी शादीशुदा व्यक्ति का वशीकरण किया जा सकता है ?
- क्या आप जानते है क्यो की जाती है भारत में जानवर और पेड़ के साथ शादी
- क्या आपने कभी सोते समय सीने पर किसी अनजानी ताकत को महसूस किया है
कुमार सर आपका पोस्ट अच्छा है। मेरी समस्या है कि रात को सोते समय 1/2घंटो बाद मेरी 2 ज्ञानेंद्रिया सुनना और देखा चालु हो जाता है। मुझे घबराहट और गहरी नींद आती है।मै सोते हुए आस पास के आवाज सुन और देख सकता हुं। पर हिलना बोलना नही हो पाता है। सपने मुझे नहीं आते है। उपाय हो तो भेजे
चन्दन जी आप कुछ बदलाव कर इससे बच सकते है जैसे की
1.) रात को पैर धोकर सोए.
2.) थोड़ा सा मीठा दूध पिए ताकि अच्छी नींद आ सके.
3.) सोते समय टीवी ना देखे कम से कम आधा घंटा पहले टीवी बंद कर दे और मन को शांत करने वाली चीजो की और ध्यान दे.
4.) अगर आप इस स्थिति में भयभीत हो जाते है तो हनुमान सुरक्षा कवच का जाप करे और विश्वास करे की आपकी रक्षा हनुमान जी कर रहे है. ये मंत्र active है और इसका फायदा मिलता है.
Kumar sar kya Eska kohi side effects he kya
no sir
Ser jab nid aa jati hai to yad sab rahta hai aas pas ki aawaj bhi sunai deti hai par dhadkan badh jati hai kuch black imejes bhi dikhai dete hai
ये अगर आपके साथ कभी कभी होता है तो कोई परेशानी वाली बात नहीं है ऐसा होने के पीछे एक कारण शरीर और दिमाग का अस्नान्तुलन हो सकता है. जब हम सोते है तब दिमाग और शरीर एक साथ शिथिल होते है, अगर किसी वजह से ऐसा नहीं होता है तो हमें ऐसे अनुभव हो सकते है. sleep paralysis भी हो सक्कता है.
HI,
Kumar sir,
maine Do-Teen baar man ko saant krne ki try kiya
but, mere dimaag me thoghts aate hi rahete hai, me dimaag ko sant nhi
kar pa rha.
Main jb bhi krta hu mera brain divad ho jata hai,
kya aap man ko sant krne ke liye kuch help kr skte hain…?
is post ko padhe अवचेतन मन की शक्तियों को समझने और मन की गहराई में उतरने के लिए करे ये आसान अभ्यास
Mene Astral body or Astral traveling k bare me aaj phli bar Jana h , you tube pr v search Kiya h.
I am shocked because aaj se Kareeb 5-6 mahine pahle muje sote time ye rojana feel hota tha ki me Bina kisi help ke sky driving kr that hu or gravity rule muje or Kam nhi krta tha , or meri speed itni thi ki me Aakash me earth se only 2-3 seconds me pahuch jata or earth muje globe jesi dikhaai deti.
Me bahut dar jata tha or jagne k bad use ek Bura spna samjhkr rojana bhul jata tha
Now I want ki ESA muje phir se feel ho, ab Astral traveling k liye me try karugaa
Sir mene try kia aur suru main sharir main kampan hua! Main agar krta raha to astral travel kr paonga?
bilkul
Sir maine aapki post bahut achi tarh se pdi aur bahut achi bi lgi aur maine iske bare me kafi research bi ki but phir bi man me kafi doubts rh gye jaise ki m ye khna cha rha hu ki jab hum astral travel krte h to humari physical body se jo soul hoti h humari body se bahr nikl kr travel krne chl jati h to kya phir humari body ek death body ki tarh hi ho jati h kya aur agar aisa h to phir kya koi dusri soul humari physical body me enter krke humari body par kabja kr le to aur dusri bat ek bar humari aatma body se bahr niklne ke bad waps body me aane ka kya process hota h aur sir agar humari physcial body ko chord kr jab humari soul travel pe ho aur wo humari aatma dubara humari body me aa hi ni paye to …plzzz sir in sab doubts ko clear kijiye….
1.) हमारी बॉडी उस समय योगनिद्रा की अवस्था में होती है.
2.) दूसरी कोई पारलौकिक शक्ति इस पर कब्ज़ा कर भी सकती है नहीं भी. निर्भर करता है आपका aura field कैसा है और आप किसी तरह का सुरक्षा चक्र अपने चारो और बनाते है या नहीं ( आमतौर पर ऐसा सिर्फ उनके साथ होता है जो आध्यात्म से जुड़े है )
3.) हमारी एस्ट्रल बॉडी शरीर से हर पल जुड़ी रहती है चेतना के जरिये उसमे हल्का सा भी परिवर्तन उसे वापस शरीर की और खिंच लेता है.
4.) ऐसा सिर्फ आध्यात्म / कमजोर मानसिकता वाले लोग जिनकी आत्मशक्ति कमजोर होती है उनके साथ होता है उन्हें वक़्त लग सकता है वापस शरीर में आने में लेकिन वैज्ञानिक रिसर्च से ये पता चल चूका है की ऐसा कभी नहीं हुआ की किसी की एस्ट्रल बॉडी वापस शरीर में आई ही नहीं.
अगर आप इस अभ्यास में आगे बढ़ना चाहते है तो सबसे पहले आत्मबल को मजबूत बनाए अनुभव अच्छे रहेंगे.
Kal maine 1st time Astral travel try kiya, meri body kafi vibrate ho rahi thi ankhon mein alag alag rang dikh rahe the or aisa lag raha tha ki meri soul apne boldy se bahar nikal rahi hain, jaise meri soul bahar nikale lagi meri heart beats kaffi teej ho gayi or hath pair thand pad gaye. fir main ne achanakse apni ankh kholi. to main vapas normal ho gaya.
kya main fir se try kar sakta hoon? Ankhir heart beats itni tej kyoun hoti hain?
pahli bar aisa hi hota h, iske liye apko khud ko free karna hoga
Sir kiya aap kabhi karke dekhe hai?
रोबिन जी में किस्से कहानिया शेयर नहीं करता.
यहाँ हो कुछ शेयर है ज्यादातर वास्तविकता से जुड़ा है. अगर आपको फिर भी लग रहा है की ये सब क्या किसी ने किया भी होगा तो अपने आत्मबल को मजबूत करे.
sir man le agar ki aapi atma agar sarir ko chor ke treval par nikal jati hai or time rehete bapas na aa pye to kiya apke sarir me koi dusri atma apke sarir par kabja kar sakti hai kiya ya nahi is ko please clear kare .
astral travel me hone vale anubhav par depend h sir. kuch logo ne apna experience share kiya bhi h jisme unhone logo ke sath apne astral travel ko share kiya or bad me unhe negative soul ki problem aayi. apko is tarah ke anubhav ya abhyas secret rkhne chahiye
सर जब मैं अपने शरीर को शिथिल करता हूँ तो मेरी ससे फूलने लगती हैं एसा क्यो होता हैं।
इसकी वजह है आपका अभ्यास पर से ध्यान हट जाना, इस दौरान जब हम अपने अन्दर ऐसे बदलाव महसूस करते है जिससे की हमें डर लगने लगे तब हमारी साँस फूलने लगती है या फिर अभ्यास टूट जाता है. अभ्यास के दौरान अगर आपकी सांसो की गति कम हो रही है खुद को हवा में महसूस करने लगते है तब हमारी चेतना हमसे ही तर्क करने लगती है जिसकी वजह से ऐसा होता है.
सर मैंने जब अपनए शरीर से निकाला और इंटर किया तो मेरे शरीर पसीने से भीग गया इसका क्या मतलब है।
शुरू शुरू में ऐसा हो सकता है क्यों की हम इस क्रिया को पहली बार करते है या फिर बलपूर्वक करते है.
Dear Kumar Sir,
Bhut achhi post hai sir main bhi practice kr rha hu Abhi tk koi anubhav to nahi hua hai
koshish kate rahe sir agr kisi tarah ki koi problem aa rhi hai to btaiye apko pura support milega.
sir me astral travel ki practice kr raha hu lekin kamyabi nahi mil rahi muje koi easy step bata do
सूक्ष्म शरीर की यात्रा से पहले शरीर और मन को स्थिर करने के लिए न्यास ध्यान का अभ्यास करे सफलता मिलेगी. आपके अभ्यास में कमी है है तो सिर्फ ये की बिना शरीर और मन के बिच तालमेल बनाए आप शुरुआत कर रहे है.
kitne din ki practive me ham log astral travel kar sakte hi aur kya astral travel ke jariye ham apne kisi priyajan ki aatma se mil bi sakte hi pls reply
समीर जी आप अपने आप को ज्यादा बेहतर जानते है. सूक्ष्म शरीर की यात्रा के अभ्यास में हमें 7 दिन भी लग सकते है और 1-2 दिन में भी. किसी अपने प्रियजन की आत्मा से मिलना भी हो सकता है यकीन ये सेफ नहीं होता है इसके लिए लिए काफी लम्बे अभ्यास की जरुरत होगी.
Sir agar main aapne sharerse bahar nikla our travell ko gaya,to mere sharer main dusri aatma inter karsakte hai keya,matlab sharer mera our aatma dusri to ye safe nahe hai na
ऐसा हर किसी के साथ नहीं होता है जो लोग ज्यादातर आध्यात्मिक कार्यो में रहते है और अक्सर पारलौकिक घटनाओ से जुड़े रहते है उनके साथ ऐसा हो सकता है. ऐसा कभी सुनने में नहीं आया की आप गए और पीछे से किसी ने आपके शरीर पर कब्ज़ा कर लिया हो.
Astral travell may kab karu raat main karu ya din mein karu
jab bhi apke pas time ho or ap mentally iske liye ready ho 🙂
Sir ko starta hu to thode time ke badd mere body vibrat hoti hay our main nend see utjatahu
Jabhi main strart kartahu to thode daier badd meri body vibrate karti hai to main travell nahe kar pata issleye aap batav main keya karu
इसकी वजह है आपका वर्तमान में न रह पाना अभ्यास के समय आगे क्या होगा इसके बारे में न सोचे और जहाँ तक हो सके सहज होते हुए अभ्यास करे
सहज रहते हुए अभ्यास करे. खुद को जितना ज्यादा स्थिर रख पाओगे अभ्यास में अच्छा कर पाओगे. स्पंदन की स्थिति में आने के बाद हमारा दिमाग तर्क करता है जिसकी वजह से अभ्यास में आगे नहीं बढ़ पाते है.
Mere sanse kam ho gyi or fir bahut kam lekin dam ghut rha tha fir bhe aatma nikli nhi sir .. Muje lga ab me mar jaunga ..sarir pura jor jor se vibrate kr rha tha .. Isse aage kaise hoga jab sanss band ho jaye to
इसकी वजह है आपका बार बार इस बारे सोचना की मेरी साँस कम हो रही है. इस तरह के अभ्यास सहजता से होने चाहिए जैसे की सांसे कम हो रही है तब भी हमारा ध्यान सांसो की और नहीं बल्कि अन्तर की और होना चाहिए लेकिन जैसे ही सांसे कम होने लगती है हमें लगता है की हमारा दम घुट जायेगा और हम इस अवस्था से बाहर निकल आते है जबकि सफलता हमसे कुछ ही दुरी पर होती है.
Hello sir Maine ek video me Delhi tha ki atral travel kerte time horror sounds sunayi dete hai kya ye such hai?
ये निर्भर करता है आपके अनुभव पर सोच पर और माहौल पर. कुछ एक्सपर्ट का मानना है की इस दौरान हम जो सोचते है उसे महसूस भी करने लगते है. यह एक वजह है की इस दौरान हमें मस्तिष्क पर कण्ट्रोल रखना चाहिए. ये अभी तक एक रहस्य है की क्या सभी को dark entity, ghost, demon या फिर किसी तरह की horror sound सुनाई देती है. इसे एक वजह से प्रूफ नहीं किया जा सकता है काफी सारी चीजे और भी है जिन्हें देखना पड़ता है
मान लीजिये आप किसी के साथ अपने अनुभव को शेयर करते है और वो व्यक्ति एक तरह का psychic vampire हो आम भाषा में कहे तो negative सोच वाला व्यक्ति वो आपको अपने विचारो से प्रभावित कर सकता है जब अगली बार आप अपनी यात्रा पर हो.
Actor travel karne ke aur kaun kaun se tarike hai….
धीरे धीरे ब्लॉग पर पोस्ट करते रहेंगे सर बने रहिये
Agar sach me kisine astral travlling mehasus kiya he to wo ajtak ise or logonko proof kyo nahi kar paya he ?
Astral travel यानि शरीर से बाहर घूमना तो क्या आप ये मानते है की एक उर्जा शरीर को देखा जा सकता है ? बेशक इसे देखा जा सकता है लेकिन सामान्य आँखों द्वारा नहीं ध्यान योग द्वारा सूक्ष्म स्तर की घटना को अनुभव करने का ज्ञान प्राप्त होता है जो की सामान्य लाइफ में आप और हम कभी अनुभव नहीं कर सकते है. इसे देखना है तो खुद को सूक्ष्म स्तर के लायक बनाओ फिर आपको किसी से प्रूफ मांगने की कोशिश नहीं करनी होगी.
Astral travel karne ke Baad wapas Body me kese aaye
इस प्रक्रिया के बाद बॉडी में वापस आना एक प्राकृतिक क्रिया है जो की आकर्षण के सिद्धांत पर काम करती है.
Lekin wapas sharir me aane ke liye mujhe karna kya hoga
iske liye kuch bhi karne ki jarurat nahi hoti h, ham apni body se jude hue hi rahte h or halka sa attraction hame hamari body ki or vapas le ja sakta h. body me vapas ane ki koi alag vidhi nahi hoti h
Iska matalab hum automatic apni body me wapas aa jate hai
bilkul bahut km chance hote h jab kisi tarah ki problem ho sakti h
Sir jab me aapne sharir se bahar niklunga tab kya main apne aas pass dusri aatma Ko bhi dekh Sakta hu
बिलकुल ! ऐसा अनुभव् मेरे साथ हो चूका है अगर आप शरीर से बाहर निकलते है तो कई ऐसे अनुभव रहते है जो आपको भयभीत कर सकते है
timing kya honi chahiye
जब भी आप खुद को शांत रखते हुए अभ्यास को समय दे पाए. रात्रि में किया गया अभ्यास या फिर सुबह सुबह किया गया अभ्यास बढ़िया रहता है.
kya admi mar bhi sakata he jab laut n paye sarir me
सामान्य केस में ऐसा कुछ नहीं होता है लेकिन कई बार ऐसा हो सकता है की आपको शरीर में लौटने में परेशानी का सामना करना पड़े. ऐसा बहुत ही कम बार होता है.
you tube me dekha to pata chala ki ek 15 sal ki ladaki ki thi to vo mar gayi kyu
ज्यादा व्यू पाने के लिए इस तरह की खबर दिखाई जाती है. हमने ऐसा कभी नही सुना है. सामान्य तौर के अभ्यास में तो बिलकुल भी नहीं.
prayas karata hun lekin safal nahi ho raha hun per thodi der bad sarir vibrate hone lagata he esa kyu
बॉडी में वाइब्रेशन एक अच्छा संकेत है क्यों की आपकी उर्जा एक जगह पर फोकस होती है. आप अभ्यास में ज्यादा देर खुद को दे नहीं रहे है इसकी वजह से आगे नहीं बढ़ पा रहे है. अभ्यास को मन से टाइम दे अनुभव अपने आप होना शुरू हो जायेंगे.
sarir se bahar ane me kitana time lagata he
निर्भर करता है आप पर
yadi sarir se bahar a jaye to sarir me jan nahi rahati kaha sarir mara hua hota sahi he
विकास जी हमारा शरीर 10 तरह के उर्जा शरीर से मिलकर बना होता है. इसमें से एक होता है औरा शरीर और इसके बाहर निकलने से हम मरते नहीं है बस हर तरह की हरकत बंद हो जाती है.
jab sarir se bahar ate he usase pehale sarir me kya kya hota he yani iske kya lakshan he janana he
kya ho sakta isame
yadi koi utha de to
सीधे तौर पर उठाना मुश्किल है ये एक गहरी नींद जैसा है.
kal kar raha tha sarir ek dum thila padane laga jaise kuch ho raha ho per ankh khul gayi nahi ho payi pakriya
Mne koshish ki pr mujhse nhi ho paa rha h plzz kuxh suggest kijiye
astral travel की practice करने के लिए काफी धैर्य रखने की जरुरत होती है. इए एक साथ करने की बजाय स्टेप में करे और हर हरकत को नोट करे. आप धीरे धीरे ही इसमें कामयाब हो सकते है.
Aap yog nidra me jayen sara sharir sathil yani bejan kr kr ekagr hokr late jate fir uske bad jb aap so jayenge to aap fir se usi tarh kr payenge
कुमार जी एक बात बहोत जरूरी पूछनी थी कृपया बताएं। इस हुआ कि मेने ध्यान करना शुरू किया रात को सोते समय बेठ कर।और ओर फिर 3/4 दिन बाद मेने बैठने की जगह लेट कर अपने शरीर को श्थिल करके आंखों के बीच ध्यान किया और 1 घण्टे बाद उठ कर फिर पानी पी कर सो गया लेकिन सोने के बाद में जाग्रत हो गया अपने आस पास सब देख रहा था लेकिन बोल नही पा रहा था एक तरह का सपने जैसा था मेने अपनी पत्नी को जोर से हिलाया लेकिन वो नही उठी क्योंकि वो सपने जैसा था लेकिन उस टाइम में डरा हुआ होता ह ओर बहोत जोर लगा रहा होता ह वापिस शरीर मे जाने के लिए जब नही जा पाता शरीर मे वापिस फिर मेने एक तरकीब निकली और मुह से सिटी जैसी आवाज निकलने की कोशिश की इस करने से मेरी पत्नी को कुछ थोड़ी सी आवाज सुनाई दी और उसने मुझे हिलां के उठा दिया।और मैने शुक्र किया कि में जग गया।और इस 4 बार हो चुका है जब भी में शरीर को श्थिल करके सोता हु तो ऐसा हो जाता है और में सोतेहुए भी कमरे में घूमता हु लेकिन एक डर लगता है क्योंकि मुझे पता ही नही था कि इस क्यों होता है और अब डर के कारण मेने योग निद्रा छोड़ दी है।कृपया बताएं यह असल मे है क्या ओर इसका सामना कैसे करूँ ओर उस टाइम जब शरीर से आत्मा बाहर आ जाती है डरने की बजाय क्या किया करूँ ।कृपया
ये Out of body experience है. जब हम रात को सोने से पहले ध्यान करते है तो हमारा brain active हो जाता है. शरीर दिन भर की थकावट की वजह से सो जाता है लेकिन दिमाग नहीं. ऐसी स्थिति में आपने जो अनुभव किया है उसमे डरने जैसा कुछ नहीं है. आप अपने दायरे को बढाए. जब भी आपको वापस शरीर में जाना हो तब सिर्फ शरीर के बारे में सोचे और हाँ योग निद्रा का अभ्यास बंद ना करे ये एक आध्यात्मिक अभ्यास है.
I have study about this topic on net sir jab mai ese first time kiya ek binural beats astral travel ke liye bja kar to 2 min me mai body mind ko puri tarika se sant kar liye aur fir on my chest bohot tej vibration hua mai body se upar jane lga to mujhe bohot dar lagne lga aur mai ek jathke se khud ko uta diya and i belive ki i can do it /but ye dravna bhi hai and i am still trying and progressing/and mera question hai ki agar mai body se bahar jaunga to aur ghar ke bahar jo kuch bhi dekhunga jaise ki kisi ko bat karte hue to kya wo sab waha sach me bat kar rahe honge ya it will only a dream //reply us plz sir//
मोहित जी ये सब रियल में होता है लेकिन कई बार हम Astral travel की बजाय Lucid dream में फंस जाते है इसलिए आपको lucid dream reality check भी करते रहना होगा. आप इसका अभ्यास धीरे धीरे करे तो सफल जरुर होंगे.
I have study about this topic on net sir jab mai ese first time kiya ek binural beats astral travel ke liye bja kar to 2 min me mai body mind ko puri tarika se sant kar liye aur fir on my chest bohot tej vibration hua mai body se upar jane lga to mujhe bohot dar lagne lga aur mai ek jathke se khud ko uta diya and i belive ki i can do it /but ye dravna bhi hai and i am still trying and progressing/and mera question hai ki agar mai body se bahar jaunga to aur ghar ke bahar jo kuch bhi dekhunga jaise ki kisi ko bat karte hue to kya wo sab waha sach me bat kar rahe honge ya it will only a dream //reply us plz sir//
ये अनुभव धीरे धीरे करे या अचानक आपको खुद को स्थिर रखना आवश्यक है. आप चाहे तो पहले खुद को दिमागी तौर पर तैयार करे फिर अभ्यास करे.
kumar sir ji me pichle 3 year se atral travel karne ki practice krta hu to ye only 2-3 seconds ka hi hota he mera astral travel ka method he ke me ye imagine krta hu ki kisi lakadi ki sidhio par me chadh raha hu aur uske baad mera soul 2-3 seconds ke liye bahar ajata he aur zatkese fir vapis andar body me ghoos jata he to es problem k liye ap muje koi solution do
इसके लिए आप किसी योग्य व्यक्ति का सहारा ले
चेतन जी आपको सबसे पहले अपने बॉडी और माइंड को सबसे बड़े स्तर तक ( जहाँ तक ले जा सकते है ) शिथिल करना होगा. ये शवासन के जरिये प्राप्त किया जा सकता है. इसके बाद आपको समस्या नहीं आयेगी.
nice sir mai bhi ye expiri lena chahta HU BUT BODEY PAN JESI SAMSYA SE KESE NIDAN PAYE
body में pain हमेशा नहीं रहता है ये आपके शरीर को एक स्थिर रखने का पहला चरण है. कुछ समय तक अभ्यास करते रहने से आप इससे बाहर निकल सकते है
Sir Maine 1 mahine se astral travel ka practice kar rha tha is process ke dwara lekin ho nhi pa raha tha .Ek din achanak se sote samay mujhe aisa feel hua ki main apni body se bahar aaya aur mujhe aisa laga ki mere samane aag ki lapte hai to dar ke mare main wapas body me aa gya.
To kya ye mera out of body experience tha ya lucid dream
लुसिड ड्रीम में आप मनचाहे परिणाम पाए जाते है. आपका अनुभव शायद शरीर से बाहर विचरण का ही है लेकिन इस तरह का अनुभव होना आपका खुद का अनजाना डर हो सकता है.
Sir ye karna kya dengerous he
नहीं ये सेफ अभ्यास है
Jab hum sarir se bahar niklte he to kya sarir ke dil ki dhadkan band ho jati he
नहीं
Jab me sarir se bahar niklunga to kya me apni marji se wapas apne sarir me aa sakunga
Ya phir wapas apne sarir me aane ka koi nischit time hota he
शरीर से बाहर विचरण का अनुभव करना और शरीर में वापस आना ये सब एक प्राकृतिक क्रिया है अगर आप बिना डरे इसे करते है तो यक़ीनन आप जब चाहे तब वापस शरीर में आ सकते है.
Sir kya hum isse try kr sakte hai agar ye safeful ho to.
बिलकुल इसे आप घर पर कर सकते है
Aaj me meditation kar rha tha, 10,min ke baad muje mehsus hua ki koi mera sar pakadkar muje upar khich rha hai