पीर पैगम्बर साधना, जिन्न को बुलाने का मंत्र या अमल ये सब मुसलमानी साधना और अमल के अंतर्गत आता है. पीर बाबा का मंत्र या फिर सरल शाबर मंत्र साधना की इस कड़ी में हम बात करने जा रहे है कुछ सात्विक साधनाओ के बारे में. कुछ ऐसी मुसलमानी साधना जिन्हें कोई भी व्यक्ति जो नियत का पाक और सात्विक भावना रखने वाला हो कर सके. अगर आपकी life में बुरा वक़्त चल रहा है तो उसे टालने के लिए इस तरह की साधना कर सकते है.
क्या आपने कभी इस तरह की साधना करने की कोशिश की है ? आपको पहली बार में सफलता मिली या नहीं ? ज्यादातर लोगो का मंत्र साधना की तरफ बेहद कम रुझान होता है क्यों की उन्हें इसमें पहली बार में ही सफलता नहीं मिलती है. बार बार कोशिश कोई करना नहीं चाहता है. ऐसे में मुसलमानी साधना खासकर किसी पीर या पैगम्बर की साधना की जाए तो संभव है की आपको सफलता मिल जाए.
जिन्न या जिन्नात की साधना को तभी करे जब आपका मन भयमुक्त हो चूका हो. जिन्न को बुलाने का मंत्र भी यहाँ शेयर किया गया है जिसका उदेश्य एक सहायक के रूप में उन्हें प्राप्त करना है. अगर आप साधना के बिच में होने वाले अनुभव से डरकर साधना छोड़ने वाले है तो बेहतर होगा इस तरह की साधना न ही करे.
इसकी बजाय किसी तरह की पीर, पैगम्बर की साधना करे ताकि आपकी समस्या का समाधान हो सके और आप की जिंदगी में आ रही समस्या का समाधान हो जाए.
मुसलमानी साधना और अमल
पीर पैगम्बर से जुड़ी जितनी भी मुसलमानी साधना और अमल है उन सबका इस्तेमाल साधक अपने सुरक्षा और लोगो के भले के लिए करता है. इन साधनाओ को सात्विक और पाक माना है. सामान्य तौर पर मेरा मानना है की इस तरह की साधना का इस्तेमाल बुरे कामो की बजाय खुद को संकट से बाहर निकालने के लिए किया जाना चाहिए.
अगर आपकी life में कभी कोई बड़ी प्रॉब्लम आती है तो आपको इस तरह की साधना को आजमाना चाहिए. हिन्दू धर्म के लोग इस तरह की साधना नहीं कर सकते ये बात सरासर गलत है. मुसलमानी साधना में नियम कड़े नहीं होते उनका पालन कड़ाई से करना होता है.
मुसलमानी साधना में जिन्न को बुलाना और उसे अपना सहायक बनाना, परी का आवाहन करना और एश्वर्य की प्राप्ति करना, तलिस्मान की रचना, पीर बाबा की सहायता प्राप्त करना जैसी कई बाते शामिल है. कोई भी पाक दिल व्यक्ति इन साधनाओ को कर सकता है जरुरी नहीं की एक मुस्लिम ही इन साधना को कर सकता हो.
अगर आपके काम बिगड़ते जा रहे है या फिर life में काफी सारी प्रॉब्लम से रूबरू होना पड़ रहा है तो पीर पैगम्बर की साधना करके देखे. आपके बिगड़े काम बनने लगेंगे और सभी समस्या दूर होने लगेगी.
मुसलमानी साधना से जुड़ी खास बाते जिनका आपको पता होना चाहिए
- मुसलमानी साधना गुरुवार या शुक्रवार से शुरू की जानी चाहिए.
- साधना में काले हकिक की माला का सबसे ज्यादा प्रयोग होता है.
- तेल का दिया जलाया जाता खासतौर से सरसों, चमेली या फिर तिल का तेल.
- इस्लामिक साधना कर रहे है तो इत्र का प्रयोग जरुर करे.
- काले या सफ़ेद वस्त्र और सर पर रुमाल या टोपी का इस्तेमाल करना अनिवार्य है.
- लोबान या गूगल की धूप का सबसे ज्यादा इस्तेमाल साधना में किया जाता है.
ये कुछ सामान्य जानकारी है जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए. किसी भी पीर पैगम्बर की साधना करते समय इन बातो का ध्यान रखा जाए तो साधना में सफलता की सम्भावना बढ़ जाती है.
पीर पैगम्बर को बुलाने की मुसलमानी साधना
यहाँ आज कुछ मुसलमानी साधना और अमल शेयर किये जा रहे है जो पीर पैगम्बर साधना के अलावा जिन्न को अपना दोस्त बनाने के लिए भी है. इन साधनाओ का इस्तेमाल अच्छे कार्यो में ही करना चाहिए. मुख्य रूप से यहाँ इन्हें शेयर किये जाने का एक ही उदेश्य है. ऐसी साधना शेयर करना जो साधक को न सिर्फ मदद करे बल्कि उसके हर कार्य को भी संभव करे.
अगर आपको किसी तरह की समस्या से झूझना पड़ रहा है या फिर life में बहुत ज्यादा परेशान है तो इन साधना का अमल जरुर कर के देखे. इनके 100 % रिजल्ट साधक की मंशा और उसके कर्म पर निर्भर करते है.
1. हजरत पैगम्बर अली की चौकी
दुनिभर के पीर मुसलमानी साधना और अमल में इसे सबसे ज्यादा महान बताया गया है. इस साधना के जरिये सुरक्षा, भविष्य जानना और सात्विक कार्य सिद्धि को सरलतापूर्वक किया जा सकता है.
याही सार सार सार | जिन्न देव पारी नवसंकफारएक खाय दुसरे को फाड़ | चंहु ओर अमिया पसार
मलायक अस चार | दुहाई दस्त्खे जिब्राइल
बाई वै खेई मिकाइल | दाई दसन दसन
हुसैन पीठ खड़े खई | आमिल कलेजे राखे इजराइल
दुहाई मुहम्मद अलीलाह इल्लाह की | कंगुर लिल्लाह की खाई
हजरत पैगम्बर अली की चौकी | नखत मुहम्मद रसूल्लिलाह की दुहाई
विधि : इस अमल को सिद्ध करने की जरुरत नहीं है. अगर आप कही जा रहे है और मन में आशंका चलती है तो इस अमल को सिर्फ 11 बार बोले और फूंक मार दे. इससे आपके मन की शंका खर्म होकर भय का नाश होगा. अगर आप इसके पथ के बाद किसी को झाडा भी लगाते है तो वो भी काम करेगा.
हजरत पैगम्बर अली की चौकी से जुड़ी खास बाते
इस अमल की सबसे बड़ी खास बात ये है की अगर नियमित रूप से इसका 108 बार पाठ होता है तो व्यक्ति में भूत भविष्य और वर्तमान जानने की शक्ति आ जाती है. ऐसा करने से वहां पर हजरत की चौकी लगने लगती है और फिर उस चौकी के माध्यम से व्यक्ति को सब हाल पता चलता है.
अगर आप इस अमल को करने की सोच रहे है तो बता दे की इस्लामिक अमल को पढने से पहले आपको इससे जुड़े नियम भी जान लेने चाहिए. इन नियम में पाक पवित्र होना, सात्विक होना सबसे बड़ा नियम है जिसका पालन आपको करना ही पड़ता है.
पीर पैगम्बर की साधना की सबसे बड़ी खास बात में से एक है किसी भी तरह के तांत्रिक व्यभिचार से बचाव. अगर आपको लगता है की किसी तरह का तांत्रिक प्रयोग आप पर या आपके आसपास किया जा रहा है तो इस अमल के जरिये चौकी लगा दे. जितने स्थान पर चौकी लगती है वहां की सुरक्षा होती है.
हजरत की चौकी लगने के बाद आपके लिए ये सावधानियां और भी बढ़ जाती है क्यों की पैगम्बर अली खुद आपके गद्दी में विराजने लगते है. इसलिए इस तरह की अमल को करने से पहले खुद के स्तर की जाँच जरुर कर ले.
2. मुठी पीर साधना
बिस्मिल्लाह अर्रहमान निर्रहीम
साह चक्र की बावड़ी गले मोतियन का हार
लंका सो कोट समुन्द्र सी खाई
जहाँ फिरे मोहमद वीर की दुहाई
कोन वीर आगे चले
सुलेमान वीर चले दर्शनी वीर चले
नादिरशाह वीर चले मुठी पीर चले
नहीं चले तो हजरत सुलेमान की दुहाई
शब्द सांचा पिंड काँचा
मंत्र फुरो इश्वरोवाचा
विधि : इस अमल को गुरुवार के दिन से शुरू करते है. पीपल के पेड़ के निचे सूर्योदय से पहले ये अमल 40 दिन करना होता है. इन 40 दिन में कभी भी पीर दर्शन दे सकते है.
फायदे :
- पीर को प्रसन्न कर मनचाहा कार्य पूर्ण करवाया जा सकता है.
- पारलौकिक शक्तियों से सुरक्षा कवच प्रदान होता है.
- मुश्किल कार्य को आसानी से सिद्ध किया जा सकता है.
3. वीरो का जंजीरा
यानि की बहुत सारे वीर या जिन्न को एक साथ सिद्ध करना. ये एक बहुत ही शक्तिशाली मुसलमानी साधना और अमल में से एक है जिसके जरिये हम वीरो का आवाहन करते है. इस साधना में कब कौनसा वीर या जिन्न दर्शन देगा कोई नहीं जानता लेकिन, जो भी जिन्न या वीर आपको दर्शन देगा आपके मनचाहे कार्य के लिए बाध्य होगा.
इस साधना को शक्तिशाली इसलिए भी कहा गया है क्यों की इसके जरिये किसी भी मुश्किल कार्य को अंजाम दिया जा सकता है. अगर आपकी जिंदगी में कोई कार्य बहुत कठिन है तो ये कार्य इनके द्वारा आसानी से किया जा सकता है.
लाइलाहाईलल्लाह
हजरत वीर की सल्तनत को सलाम
वी आजम जेर जाल मशवल कर
तेरी जंजीर से कौन कौन चले
बावन भैरो चले चौषठ योगिनी चले
देव चले विशेष चले
हनुमंत की हांक चले नरसिंह की धाक चले
नहीं चले तो सुलेमान के बखत की दुहाई
एक लाख अस्सी हजार पीर पैगम्बर की दुहाई
मेरी भक्ति गुरु की शक्ति
फुरो मंत्र इश्वरोवाचा
वीरो का जंजिरा मुसलमानी साधना विधि
इस मुसलमानी साधना और अमल को गुरुवार या शुक्रवार से इस साधना को शुरू को शुरू किया जाता है. 21 दिन हर रात को 10 बजे बाद आपको 21 माला का जप करना है. इसके अमल साधना में आपके वस्त्र सफ़ेद रंग के होने चाहिए.
साधनाकाल के समय साधक का मुख पश्चिम दिशा की ओर हो.
साधना के लाभ
इस अमल के जरिये हम किसी भी वीर या जिन्न को बुला सकते है. उनके जरिये किसी काम को पूरा करवाया जा सकता है और अपने ऊपर आने वाले किसी भी संकट को टाला जा सकता है. इस मुसलमानी साधना और अमल की खास बात ये है की इसमें हम किसी भी जिन्न या पीर का अवाहन कर उनसे मनचाहा कार्य करवा सकते है.
ध्यान दे : इस अमल को कमजोर दिल वाले ना करे. साधनाकाल में आपको कई तरह के पारलौकिक घटनाओं का सामना करना पड़ सकता है. अगर आप साधना को बिच में छोड़ते है तो ये आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है.
4. शोहा वीर जिन्न मुसलमानी साधना और अमल
जिन्नातो के सभी प्रकार में शोहा वीर जिन्न को बेहद शक्तिशाली माना जाता है. ऐसा कोई भी कार्य नहीं जो शोहा वीर पूरा न कर सके. शोहा वीर जिन्न को साधने वाले के मन में भय के लिए किसी तरह का स्थान नहीं होना चाहिए. अगर ऐसा हुआ तो साधक को ही नुकसान पहुंचा सकता है.
शोहा वीर को सहायक के रूप में भी सिद्ध किया जा सकता है और सुरक्षित रहा जा सकता है. इस साधना को करने से पहले आप अपने अन्दर के भय को कण्ट्रोल कर ले क्यों की ये साधना उग्र मानी गई है.
सोह चक्र की बावड़ीडाल मोतियन का हार
पद्य नियनि निकरी | लंका करे निहार
लंका सो कोट समुन्द्र सी खाई | चले चौकी हनुमंत वीर की दुहाई
कौन कौन वीर चले | मरदाना वीर चले
सवा हाथ जमीन को सोखंत करना | जल का सोखंत करना करना
पय का सोखन्त करना | लौंग को सोखन्त करना
पलना को | भूत को | पलीत को
अपने वरी को सोखन्त करना | मेवत उपात भाकी चन्द्र क्ले नाही
चलती पवन मदन सुतल करे | माता का दूध हराम करे
शब्द सांचा पिंड काँचा | फुरो मंत्र इश्वरो वाचा
विधि : वीरवार से इस अमल की शुरुआत करे. हर रोज 51 माला 21 दिनों तक जपनी है. धूनी लगाकर जप करना है. धूनी लगाने के लिए गूगल और लोबान इस्तेमाल करे. जप के बाद में घी और बताशे धूनी में लगाए.
शोहा वीर अमल के लाभ
- इस मंत्र की सबसे खास बात यही है की इसके जरिये आप कोई भी कार्य पूरा करवा सकते है.
- शोहा वीर जिन्न बहुत ही शक्तिशाली होता है इसलिए ये किसी भी कार्य को 100% पूरा कर सकता है फिर चाहे वो कार्य सिद्धि हो, मारन हो या फिर उच्चाटन.
- इस साधना के बाद साधक भयमुक्त हो जाता है. शोहा वीर हर विपरीत हालात में उसकी रक्षा करता है.
5. जिन्न को बुलाने का अमल
काली काली महाकाली
इंद्र की बेटी ब्रह्मा की सालीबालक की रखवाली
काले की जै काली भैरो कपाली
जटा रातो खेले | चंद हाथ कैडी मठा
मसानिया वीर चौह्ठे लडाक | समानिया वीर | बज्रकाया
जिह करन नरसिंह धाया | नरसिंह फोड़ कपाल चलाया
खोल लोहे का कुंडा मेरा तेरा बाण फटक |भूगोल बैढन
काल भैरो बाबा नाहर सिंह | अपनी चौकी बठान
शब्द सांचा पिंड कांचा | फूरो मंत्र इश्वरो वाचा
जिन्नात को बुलाने के अमल विधि
- ये अमल 21 शनिवार और रविवार का है.
- रात 10 बजे इस अमल की 51 माला जाप करनी है.
- जब जिन्नात प्रकट हो तब उसे वचन में बांध ले.
- जिन्न साधना के लाभ
इस मुसलमानी साधना और अमल को को मनचाहे कार्य की सिद्धि में प्रयोग किया जाता है. जिन्न को वचन में बांध लेने के बाद आप जैसा कहते है वो वैसे ही करता है.
6. मोहमद पीर साधना
ॐ नमो हाँकत युगराज फाँटत कायाजिस कारण युगराजा में तोको ध्याया
हुंकारत युगराज आया
गांजत आया | घोरन्त आया
सर के फूल बखेरन्त आया
और की चौकी उठावंत आया | अपनी चौकी बैठावंत आया
और का किवाड़ तोडंत आया | अपना किवाड़ भेड़ता आया
बाँधी बाँधी किसको बांधी | भूत को बांधी | प्रेत को देव दानव को बांधी
उडंत उडंत योगिन बांधी | चौर चिरनागार को बांधी
त्रिसठ कलुआ को बांधी | चौसठ योगिनी को बांधी
बावन वीर को बांधी | द्वार को बांधी
हाट को बांधी | गले को बांधी | गिरारे को बांधी | किया को बांधी | कराय को बांधी
अपनी को बांधी | पराई को बांधी | मैली को बांधी | कुचैली को बांधी | पिली को बांधी | स्याह को बांधी
सफ़ेद को बांधी | काली को बांधी | लाली को बांधी
बांधी बांधी रे गढ़ गजनी के मोहम्मदा पीर
चले तेरे संग सतर सौ वीर | जो बिसरी जाय तो सौ राजा हलाल जाय
उलटी मार | पलटी मार | पछाड़ मार | धर मार
कब्ज़ा चढ़ाय | सुडिया हलाय | शीश खिलाय
शब्द सांचा पिंड काँचा | फुरो मंत्र इश्वरो वाचा
मोहमद पीर साधना की विधि
निर्जन स्थान पर नदी या नाहर के किनारे इसका पाठ करना है. हर रोज 21 माला 21 दिनों तक.
अगर ऐसा न कर सके तो सूर्य ग्रहण में पुरे सूर्य ग्रहण के समय इसे करे. ( ऐसा संभव नहीं क्यों की India में सूर्य ग्रहण बहुत कम होता है ) पीर उस समय दर्शन देंगे.
लाभ
- किये कराये की तोड़ करने के लिए सबसे शक्तिशाली साधना है.
- भूत प्रेत या किसी भी तरह की बाधा हो पूर्ण इलाज होता है.
- मोहमद पीर को सिद्ध करने के बाद वो आपके साथ सहायक की तरह रहते है.
पीर पैगम्बर साधना से जुड़ी मुसलमानी साधना और अमल – अंतिम विचार
हम सभी की जिंदगी में बुरा वक़्त आता है. कुछ लोग इसके लिए गलत रास्ते का चुनाव करते है तो कुछ समझदारी से उसे टालते है. कम समय में फायदा देने वाली पारलौकिक शक्तियां भी है जिनसे आपको फायदा मिल सकता है लेकिन उसके आगे चलकर नुकसान है. इसके बजाय अगर इस तरह की मुसलमानी साधना और अमल का प्रयोग करते है तो सम्भव है की पीर पैगम्बर की आपको सहायता मिल सके.
मुसलमानी साधना को करने के लिए सिर्फ नियम की पालना करना और सात्विक रहना सबसे ज्यादा जरुरी है. अगर आपको लगता है की आप ऐसा कर सकते है तो इन साधनाओ को अमल कर सकते है. पोस्ट पसंद आये तो 2 मिनट का समय निकाल कर इसे अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर शेयर जरुर करे.
नोट : ध्यान दे यहाँ शेयर की साधनाए सिर्फ ज्ञान के लिए है. किसी तरह के प्रमाण की अनुपस्थिति में हम इसकी सफलता का दावा नहीं करते है.
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Nyc bhai
Dear sir
Bhut hi achhi post hai. Sir Guru ke bina to nahi kar sakte hain inme se koi bhi.
बिलकुल सर इसके लिए या तो गुरु की आवश्यकता होती है या फिर सही मार्गदर्शन और नियम की
Mujhe Jin ki siddhi karni hai .. Mai kaise karu
किसी अच्छे मौलवी से मुलाक़ात करे sir
Chowki kese deni kitne din sadhna karni hai aadha adhura gyan kyon dete ho
garima ji read post carefully everything declared here.
चौकी हर सप्ताह मे एक बार देनी होती है और ये साधना 41 दिन की होती है। पीर की साधना पुर्णिमा के चंद के बाद अगले गुरुवार से शुरू की जाती है
Best post thanks for knowledge dear
Meri sister ko problem thi mene ye mantra jap kiya 11 bar 11 din tak usse unko aram hua
thanks for your review sir
Panch peer sadana karne hai mera koe guru nhi hai kase karu plzz help me
Baba Gouns pak ki sadhana ke ke baare mai kuch btaiye gurujii
Kia aisa koi h ja app kici ese shakhask ko jante hai jisne peer ki Sadhana me saralta pyre h agar hai to kia koi contact number ja address mil skta h