Munja Bhoot Real Story in Hindi Munjya कहां से निकली ‘मुंज्या’ की कहानी, जानिए क्या है मुंजा टाइटल का असली मतलब?
बॉक्स ऑफिस पर इस समय हॉरर कॉमेडी फिल्म मुंज्या (Munjya) इस वक्त जमकर सुर्खियां बटोर रही है. बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई कर इस फिल्म ने सबको हैरान कर दिया है.
खासतौर पर फिल्म के टाइटल ने हर किसी का ध्यान खींचा है.
एक भटकती बच्चे की आत्मा और उसकी शादी करने की अधूरी इच्छा पर आधारित ये मूवी जबरदस्त कमाई कर रही है.
Horror Fans इस सोच में हैं कि आखिर मुंज्या (Munjya Meaning) का मतलब क्या है और इसकी कहानी कहां से संबंधित है. चलिए अब Munja Bhoot के पूरे मामले को डिटेल्स में जानते हैं.
मौजूदा समय में हिंदी सिनेमा की किसी फिल्म की चर्चा सबसे अधिक हो रही है तो वह Supernatural Horror Movie Munjya है.
आउट ऑफ सेलेब्स आकर इस मूवी ने कामयाबी का परचम लहराया है.
हर कोई अभय वर्मा और शरवरी वाघ (Sharvari Wagh) की मुंज्या की बातें कर रहा है और बॉक्स ऑफिस पर भी ये फिल्म कमाई के मामले में हर रोज नया रिकॉर्ड बना रही है.
मुंज्या (Meaning of Munjya) की कहानी और टाइटल को लेकर फैंस के जहन में कई सवाल उमड़ रहे हैं कि मुंजा फिल्म की कहानी कहां से संबंधित है और इसके नाम का असली मतलब क्या होता है.
आइये जानते है मुंजा कौन होता है और कैसे बनता है.
मुंजा प्रेत Munja Bhoot की कहानी का कनेक्शन
मुंजा मूवी की स्टोरी एक लोक कथा पर आधारित है. इस कहानी का मूल महाराष्ट्र का कोंकण क्षेत्र है जिससे प्रेरित होकर डायरेक्टर ने या मूवी बनाई है.
उनका कहना है की वो खुद कोंकण से नाता रखते है और जब भी अपने लोकल जगह विजिट करते है उन्हें वहा मुंजा के किस्से सुनने को मिलते है.
मुंजा प्रेत एक भूत ( Munja Bhoot ) है जो बच्चे की आत्मा होती है और पीपल के पेड़ पर वास करती है.
कोंकण में ये एक रस्म है जो परम्परा का हिस्सा है.
इस परम्परा में 5-7 साल के बच्चे का मुंडन कर जनेऊ पहनाया जाता है. इस संस्कार को करने के 10 दिन के अंदर अगर उस बच्चे की मौत हो जाती है तो वो ब्रह्मा प्रेत बन जाता है.
अपनी अधूरी इच्छा को पूरा करने के लिए उसकी आत्मा भटकती रहती है. लोक कथा के आधार पर इसे ही मुंजा प्रेत माना जाता है.
मुंजा प्रेत से जुड़ी अलग अलग लोक कथाए
मुंजा प्रेत से जुड़ी ऐसी कई लोक कथाए है जो अलग अलग जगहों पर सुनाई जाती है.
‘मुंज्या’ ( Munja Bhoot ) को लेकर भारत में कई तरह की दंत कथाएं हैं. कई जगहों पर बताया गया है कि ‘मुंजा’ उस भूत को कहा जाता है, जो 10 साल से कम उम्र में मर गया.
वह किसी से शादी करना चाहता था. पीपल के पेड़ पर रहता है.
मुंजा / ब्रह्मा प्रेत / मसान / कलवा मसान जैसी शक्तियां एक ही केटेगरी में आती है.
8 साल से कम उम्र के बच्चे की अगर संस्कार के दौरान मौत हो जाए और उसका दाह संस्कार ना हो तो उसकी आत्मा अपने अधूरी इच्छा को पूरा करने के लिए भटकती रहती है.
हिन्दू धर्म के अनुसार 8 साल से कम उम्र के बच्चे को दफनाया जाता है ना की दाह संस्कार किया जाता है.
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मुंजा देव
कुछ लोक कथाओं के अनुसार मुंजा देव एक तरह का जिन्न होता है जो इंसानों के साथ रहता है. बच्चो के कार्टून में एक राजा ( विक्रमादित्य ) के पास भी सिद्ध मुंजा देव थे.
ऐसा माना जाता है की अगर मुंजा को सिद्ध कर लिया जाए तो आप किसी भी मुश्किल काम को आसानी से कर सकते है.
इसकी सबसे खास बात ये है की इन पर सामान्य तंत्र का असर नहीं होता है.
मुंजा / मसान ( Munja Bhoot ) काफी शक्तिशाली होता है.
इसके जरिये कुछ तांत्रिक लोगो को चमत्कार दिखाते है जैसे की कही से भी पैसा मंगवाना.
ऐसा करना खतरनाक हो सकता है क्यों की पैसो के लालच में लोग मुंजा को सिद्ध कर लेते है लेकिन, इसे कण्ट्रोल करना आसान नहीं होता है.