कर्ण पिशाचनी साधना अनुभव और इसके खतरे जानने के बाद भी क्या आप पिशाचनी को सिद्ध करना चाहेंगे ?


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Karn Pishachni Sadhna experience in Hindi तंत्र मंत्र की साधना में कर्ण पिशाचिनी साधना अनुभव को सुनना एक रोमांचक और डरावना अनुभव है.

जो साधक कर्ण पिशाचनी को सिद्ध करना चाहते है उनकी प्रबल इच्छा के बीच आता है कर्ण पिशाचनी साधना के दौरान होने वाले अनुभव.

तंत्र में ऐसी कई साधनाए है जिसके जरिये आप किसी का भी भूत भविष्य और वर्तमान जान सकते है.

इसमें हमजाद साधना, कर्ण पिशाचनी साधना, मुवक्किल की साधना और अमल या फिर सिद्ध हाजरात का अमल जैसे कई प्रयोग है जो साधक को कई दिव्य शक्तियां प्रदान करते है.

इन सब साधनाओ में कर्ण पिशाचनी को सिद्ध करना सबसे आसान और प्रभावशाली माना जाता है.

ज्यादातर लोगो को लगता है की सिर्फ 3 दिन में कर्ण पिशाचनी को सिद्ध करने का प्रयोग करने मात्र से वो किसी का भी भूत भविष्य जान सकते है.

तंत्र मंत्र की साधना में कर्ण पिशाचिनी साधना अनुभव
कर्ण पिशाचनी को सिद्ध करना सबसे आसान और प्रभावशाली माना जाता है

क्या वाकई में कर्ण पिशाचनी को 3 दिन में सिद्ध किया जा सकता है ?

कर्ण पिशाचिनी साधना अनुभव और इसके खतरे के बारे में जानना आपके लिए जरुरी बन जाता है जब आप बिना गुरु के इसकी सिद्धि करने की कोशिश करते है.

अगर आप गद्दी और दरबार लगाना चाहते है तो आपको ऐसी दिव्य शक्ति की सिद्धि चाहिए जो सामने आने वाले व्यक्ति के काल ज्ञान को आपके सामने जाहिर कर दे.

आइये जानते है कर्ण पिशाचनी सिद्धि के खतरे जिनके बारे में ज्यादातर लोग बात नहीं करना चाहते है. कर्ण पिशाचनी को सिद्ध करने की बजाय इससे भी उच्च स्तर की सात्विक साधनाए है जो साधक को बेहतर रिजल्ट देती है.

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कौन है कर्ण पिशाचनी

कर्ण पिशाचनी एक ऐसी शक्ति है जिसे कोई साधक काल ज्ञान के लिए सिद्ध करता है. ये एक तरह की प्रेत सिद्धि है क्यों की कर्ण पिशाचनी कोई एक मात्र शक्ति नहीं होती है.

प्रेत योनी में भटकने वाली किसी प्रेत शक्ति को अपने उदेश्य की पूर्ती के लिए सिद्ध किया जाता है.

इसका नाम कर्ण पिशाचनी इसलिए है क्यों की ये साधक के कान में वास करती है.

उसके कान में ही वो सब बताती है जो साधक जानना चाहता है या फिर उसके सामने जो व्यक्ति आता है और उसके मन में जो सवाल होते है.

साधक बिना सामने वाले के बोले उसे उसके सवालों का जवाब देता है जिसकी वजह से किसी भी व्यक्ति के लिए उस साधक की शक्ति को मान जाना आसान हो जाता है.

ऐसे में वो जो बोलता है उसे सामने वाला सच मान लेता है.

ये सब देखकर ज्यादातर व्यक्ति कर्ण पिशाचनी को सिद्ध करने की कोशिश करते है लेकिन, जल्दी ही उन्हें समझ आता है की वे कितनी बड़ी गलती कर बैठे है.

आइये आज जानते है कर्ण पिशाचिनी साधना के डरावने अनुभव और इसके छिपे हुए खतरे के बारे में.

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कर्ण पिशाचनी को सिद्ध करने के तरीके

कर्ण पिशाचिनी साधना अनुभव के आधार पर कर्ण पिशाचनी साधना कई तरीको से की जा सकती है लेकिन, नारायण दत्त श्रीमाली जी की एक पुस्तक में 3 दिन में सिद्ध की जाने वाली कर्ण पिशाचनी साधना काफी ज्यादा पोपुलर है.

सिर्फ 3 दिन में आप कर्ण पिशाचनी को सिद्ध कर सकते है जो उम्र भर आपके साथ रहेगी.

ऐसे और भी कई तरीके है जिनके जरिये आप कर्ण पिशाचनी को सिद्ध कर सकते है. ये तरीके सेफ है और इसमें कर्ण पिशाचनी को माँ, बहन के रूप में भी सिद्ध किया जा सकता है.

3 दिवसीय साधना में साधक कर्ण पिशाचनी को प्रेयसी के रूप में सिद्ध करता है जिसके बाद वो कर्ण पिशाचनी उसके साथ एक प्रेमिका की तरह रहती है.

कर्ण पिशाचिनी साधना अनुभव

कर्ण पिशाचनी को सिद्ध करने खतरे
कर्ण पिशाचिनी साधना अनुभव

इस पुस्तक में ना सिर्फ कर्ण पिशाचनी को सिद्ध कैसे किया जाए इसके बारे में लिखा है बल्कि, कर्ण पिशाचिनी साधना अनुभव और इसे सिद्ध करने के बाद साधक को किन परेशानियों से गुजरना पड़ता है इसके बारे में भी बताया गया है.

साधक को मलिन रहते हुए ये साधना करनी पड़ती है और हर वो कर्म करना पड़ता है जो सामान्य व्यक्ति के लिए आसान नहीं है.

इन 3 दिन में वो जो कुछ भी करता है वो उसे पिशाच कर्म करवाती है जिसकी वजह से साधक के पुण्य कर्म नष्ट हो जाते है.

कर्ण पिशाचिनी साधना अनुभव में और भी कुछ चीजे है जैसे की सात्विक पूजा कर्म का त्याग, किसी तरह के देव अनुष्ठान में नहीं बैठ सकता और ना ही पूजा कर सकता है.

अगर साधक इस मार्ग पर चलते हुए साधना को सिद्ध करता है तो उसे हर उस काम से दूर रखा जाता है जो उसे पुण्य अर्जन का अवसर देता है. साधक की मौत के बाद गति नहीं होती है और वो खुद पिशाच योनी में भटकता है.

Read : आसान नहीं यक्षिणी को सिद्ध करना 2 सबसे बड़े यक्षिणी साधना के खतरे 

कर्ण पिशाचनी को सिद्ध करने खतरे

कर्ण पिशाचिनी साधना अनुभव के बारे में जानने के बाद ये समझने में मुश्किल नहीं होगी की इसके खतरे क्या है और साधक की लाइफ में किस तरह की मुश्किल आ सकती है.

  • साधक को पुण्य कर्म से दूर रहना पड़ता है.
  • कर्ण पिशाचनी एक प्रेमिका की तरह उसके साथ रहती है तो दूसरी महिला उसकी लाइफ में नहीं आ सकती है.
  • साधक को एक पिशाचनी के साथ भोग करना होता है जो उसकी उर्जा का क्षरण करती है. ये धीरे धीरे उसे मौत की तरफ ले जाता है.
  • साधना पूरी होने के बाद साधक नॉर्मल लाइफ जी सकता है लेकिन, पिशाच कर्म करने की वजह से उसका सत्व ख़त्म हो जाता है.
  • साधक की गति नहीं होती है जिसकी वजह से वो खुद पिशाच योनि में भटकता है.

ऐसे और भी कई खतरे है जो साधना और सिद्धि में लगने वाले समय और कर्ण पिशाचिनी साधना अनुभव के आधार पर अलग है.

क्या कर्ण पिशाचनी को सिद्ध करना सेफ है ?

FAQ

कर्ण पिशाचनी को कैसे सिद्ध किया जा सकता है ?

कर्ण पिशाचनी को सिद्ध करने के कई तरीके है. इसमें कर्ण पिशाचिनी साधना अनुभव और सिद्धि की 3 दिन से लेकर 41 दिन और 90 दिन तक की साधना है. साधना सात्विक और वाम मार्ग दोनों तरह से की जा सकती है.

कर्ण पिशाचनी को किस स्वरूप में सिद्ध करना चाहिए ?

कर्ण पिशाचनी को साधना के आधार पर सिद्ध किया जाता है. आप इसे प्रेमिका, माँ और बहन के स्वरूप में सिद्ध कर सकते है.

कर्ण पिशाचनी को सिद्ध करने के खतरे क्या है ?

कर्ण पिशाचनी को सिद्ध करने के कई ऐसे खतरे है जिनसे साधक अनजान रहते है. मरने के बाद गति ना होना, पुण्य कर्म का समाप्त हो जाना और साधक की लाइफ पिशाच कर्म जैसी हो जाती है.

क्या कर्ण पिशाचनी को सिद्ध करना सेफ है ?

कर्ण पिशाचनी को सिद्ध करना आपके लिए सुरक्षित है या नहीं ये इसे सिद्ध करने के प्रयोग और स्वरूप पर निर्भर करता है. ऐसी कई साधना है जो सेफ है लेकिन, समय ज्यादा लगने के कारण साधक ऐसी साधना नहीं करते है. कर्ण पिशाचिनी साधना अनुभव भी सिद्धि के प्रयोग के आधार पर अलग होते है.

कर्ण पिशाचनी को सिद्ध करने की बजाय किस साधना को करना सेफ है ?

अगर आप भूत भविष्य जानने के लिए कर्ण पिशाचनी को सिद्ध कर रहे है तो इसके बजाय काल ज्ञान साधना, हमजाद साधना या फिर मुवक्किल साधना का अमल करना चाहिए. इस साधना के बाद आप गद्दी और दिव्य दरबार लगा सकते है.
बेहतर होगा की आप पहले कर्ण पिशाचिनी साधना अनुभव के बारे में जरुर जान ले.

कर्ण पिशाचिनी कितने दिन में सिद्ध हो जाती है?

कर्ण पिशाचनी 3 दिन से लेकर 21 दिन में सिद्ध हो जाती है. ये निर्भर करता है की आप किस तरह की साधना कर रहे है.

कर्ण पिशाचिनी क्या करती है?

माना जाता है कि कर्ण पिशाचिनी सिद्धी वो तंत्र विद्या है, जिसमें हर सवाल का जवाब एक आलौकिक ताकत कान में आकर बता देती है.
और ये जबाव सिर्फ उसी को सुनाई देता है जिसके पास ये विद्या होती है. इस विद्या को कर्ण पिशाचिनी विद्या के अलावा पिशाच विद्या या अंग्रेजी में नेक्रोमेंसी भी कहा जाता है.

कर्ण पिशाचिनी विद्या कैसे प्राप्त की जाती है?

साधक को गाय के गोबर में पीली मिट्‍टी मिलाकर उससे पूरा कमरा लीपना चाहिए. उस पर हल्दी-कुँमकुँम-अक्षत डालकर कुशासन बिछाए.
भगवती कर्ण पिशाचिनी का विधिवत पूजन कर रूद्राक्ष की माला से 11 दिन तक प्रतिदिन 10 हजार मंत्र का जाप करे. इस तरह 11 दिनों में कर्ण पिशाचिनी सिद्ध हो जाती है.

कर्ण पिशाचिनी की उत्पत्ति कैसे हुई?

माना जाता है कि कर्ण पिशाचिनी शापित देवी-देवता होती हैं, जिन्हें किसी द्वारा श्राप मिलता है. वे फिर कर्ण पिशाचिनी बन जाते हैं.
कहा जाता है कि जो व्यक्ति कर्ण पिशाचिनी शक्ति को प्राप्त कर लेता है, वह व्यक्ति सभी के भूतकाल, वर्तमानकाल और भविष्य को जानने में सक्षम हो जाता है.

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