kundalini jagran kriya yog vidhi क्या वाकई कुण्डलिनी शक्ति इतनी तीव्र है की साधक को अलौकिक बना दे। kundalini shakti in hindi में आज हम बात करने वाले है कुण्डलिनी जागरण के बारे में इस बारे में नेट पर कई kundalini jagran book in hindi pdf आप पढ़ भी सकते है। kundalini jagran vidhi in hindi और kundalini jagran ke symptom in hindi क्या क्या हो सकते है। kundalini jagran kriya yog vidhi in hindi है जिसके माध्यम से हम kundalini jagran कर सकते है।
कुंडलिनी शब्द सुनते ही सबसे पहले हमारा ध्यान shaktiman awakening kundalini hindi serial की तरफ चला जाता है जहा पर एक आम इंसान yoga and meditation power पर नियंत्रण पा कर मानवता का शक्तिशाली रक्षक बन जाता है। कुंडलिनी शब्द हम अच्छी तरह परिचित है और इसका मतलब किसी शक्ति से निकालते है जो हमें असीम शक्ति का मालिक बना देती है। हर कोई कुंडलिनी जाग्रत करना चाहता है पर ऐसा संभव नहीं ! क्यों की हर कोई इसका सही और सटीक मार्ग नहीं बता सकता। फिर भी तंत्र मार्ग और क्रिया योग में सरल कुण्डलिनी जागरण विधि का वर्णन किया है। आज की पोस्ट क्रिया योग के माध्यम से कुंडलिनी जागरण पर आधारित है।
kundalini jagran kriya yog vidhi :
बहुत से लोग आज के समय में kundalini shakti activate करना चाहते है। बहुत से सिद्ध मुनि kundalini jagran mantra विधि को जानते है मगर सिर्फ इस लिए इसे गुप्त रखते है क्यों की उनकी नजर में हम इसे ग्रहण करने के लायक नहीं होते है कुण्डलिनी को जाग्रत करने से पहले शरीर का ऊर्जामय होना जरुरी है। तभी हमारा शरीर इस ऊर्जा के कम्पन को महसूस कर सकता है। kundalini jagran kriya yog vidhi का जिक्र किया गया है जिससे हम saral kundalini dhyan कर सकते है।
ये क्रिया ना सिर्फ आपकी कुण्डलिनी को सहस्रार तक ले जाती है बल्कि आपके तनाव को दूर कर आपको स्वास्थ और सुखमय जीवन जीने का अहसास देती है। क्रिया योग में शरीर को शुद्ध किया जाता है। जिससे की ऊर्जा का प्रवाह पुरे शरीर में हो सके। इस kundalini jagran kriya yog vidhi में हम deepest state of meditation में पहुँच सकते है। kundalini jagran kriya yog vidhi 3 भागो में विभाजित है जिससे kundalini jagran in easy 3 steps में पूरा किया जाता है।
1. ध्यान को सांसो पर केंद्रित करना :
ध्यान को सांसो पर केंद्रित ( ध्यान की स्वांस ध्यान की विधि में बताया जा चूका है ) करते हुए मन में विचार करे की साँस जब अंदर ली जाती है तो ये आपके मेरुदण्ड से होते हुए निचे के छोर तक जा रही है। ये विचार आपको साँस अंदर लेते वक़्त करना है। यानि इस दौरान आपके शरीर में ऊर्जा का प्रवाह साँस के साथ ऊपर से मेरुदण्ड के निचले सिरे तक पहुँचता है।
सांसो को बाहर छोड़ते हुए मन में इस विचार को बनाए की आपकी साँस के साथ ऊर्जा का प्रवाह निचे से आपके मस्तिष्क तक हो रहा है। इसमें ऊर्जा का प्रवाह निचे से ऊपर होने लगता है।
ध्यान दे की आपको इसमें किसी तरह का मानसिक दबाव नहीं बनाना है आपको सिर्फ भावना देनी है सांसो के प्रवाह की। साँस आपके प्राण की मुख्य ऊर्जा है जिसके कारण आप जहां पर इसे केंद्रित करते है वही ऊर्जा का प्रवाह होने लगता है।
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कुछ दिन इस अभ्यास को करते रहने से आपको शुरू में रेंगने का अहसास होगा जो कुछ नहीं बस आपके शरीर में बढ़ती ऊर्जा और उसके गति को दिखाता है। इसके कुछ दिन बाद रेंगने के बजाय शांत और सुखमय अहसास होगा।
2. सांसो को शरीर में निचे की और प्रवाहित करना :
क्रिया योग की सरल कुण्डलिनी जागरण विधि का दूसरा चरण है सांसो को शरीर में रोके रखना और उन्हें अंदर गतिशील बनाना. इसके दूसरे चरण में जब सांसो को छोड़ा जाता है तब साँस आपके मस्तिष्क के ऊपरी हिस्से से आपके तीसरे नेत्र तक पहुंचनी चाहिए।
कुण्डलिनी के इस चरण में ऊर्जा का प्रवाह आपके सहस्रार फिर आपकी तीसरी आँख और इससे निचे की ओर होना चाहिए चक्र की स्थिति के अनुसार ऊर्जा को प्रवाहित करना चाहिए। अपनी सांसो को सीने में रोके और दोबारा सांसे लेते वक़्त पहली क्रिया दोहराए।
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3. ऊर्जा को जाग्रत करना :
ऊर्जा को जाग्रत करने से हमारा मतलब है शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को इस तरह बढ़ा लेना जैसा अचानक शक्तिपात के दौरान ऊर्जा बढ़ती है। शरीर के अंदर छुपी ऊर्जा को जाग्रत करने के लिए आपको किसी सिद्ध की आवश्यकता होती है जो शक्तिपात द्वारा ऊर्जा को बढता है और अंदर छिपी ऊर्जा को जाग्रत करता है।
ये हम मंत्र के उच्चारण से, शक्तिपात से, और ऊर्जा को केंद्रित कर के आराम से कर सकते है। ऊर्जा का जागरण kundalini jagran experience में बहुत अहम् भूमिका निभाता है।
शक्तिपात के लिए जिन लोगो से आपका लगाव होता है या फिर आपके स्नेही आपका शक्तिपात कर सकते है। इसके लिए आपके बुजुर्ग काफी हद तक मदद कर सकते है। इसके बारे जानने के लिए पढ़े शक्तिपात की पोस्ट।
ये अवस्था अगर आपको परेशान करती है तो आप शांति से बैठ कर दोनों चरण को दोहराते रहिये।
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कुंडलिनी जागरण की क्रिया योग विधि – conclusion
kundalini jagran kriya yog vidhi आपके शरीर की आंतरिक क्रिया है जिसे आप क्रिया योग से जाग्रत कर सकते है। मंत्र और तंत्र की विधि अगले पोस्ट में बताई जाएगी। सरल कुण्डलिनी जागरण सरल विधि में बाहर से आपको सिर्फ शक्तिपात करने वाले माध्यम की आवश्यकता होती है। गुरु मंत्र लिया हुआ है तो सिर्फ नाम मात्र से आप उस ऊर्जा को जाग्रत कर सकते है। अगर नहीं तो अपने ईष्ट का स्मरण करते रहिये।
ध्यान दे : आज की पोस्ट इंग्लिश भाषा की पोस्ट का हिंदी में रूपांतरण है क्रिया योग में इसका वर्णन भी है लेकिन करने से पहले जानकर की सहायता जरूर ले ले।
source : books, web, article.
Not so easy to awaking Maa Kundniee.
But urs attempt to awake publicly is great .
Good information
Good info
Kya aapki kundalini jagrit hai..??
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Dinesh ji kundalini jagran ka mera koi interest nahi na hi anubhav h par kundalini jagran k alag alag tariko ko sabke samne lana mujhe achha laga isliye mene tantra mantra or kriya yog ka jikra kiya h
Kya ye prayog hr tarh ke khatron se paak- saaf hai ? koi nuksaan to nahi hoga?
Ye Pryog karne par ap shadow man ko masses kar sakte h 10-15 din me Pryog Acha h lekin sadhna me Nahi at a h
Sir mai aapka jawab samjha nahi .,……pleáse
Sir Upar ki sadhna me hamjad yani shadow man Dikhna suru ho Jata h isse age abhyas na kar pane ki vajah se me ye Nahi kah sakta ki use ham in power ke liye use kar sakte h Jo btaya Jata h