क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ की आप अच्छे खासे ठीक होते होते अचानक बीमार पड़ जाते है. या फिर suddenly ही आपका mood off हो जाता है. ये सब negative energy के sypmtom है, हम सभी जानते है की संगत का असर पड़ता है. जो जैसा होता है उसका effect वैसा ही देखने को मिलता है. अगर आप अच्छे लोगो के साथ रहते थे तो positive energy से खुद को charge हुआ महसूस करेंगे same negative energy वाले लोगो के साथ आप negative energy effect को महसूस करेंगे. ज्यादातर लोग ये महसूस ही नहीं कर पाते है की वो negative energy से घिरे हुए भी है क्यों की इस दौरान उन्हें reality भी काफी negative लगती है. चलिए जानते
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अनचाहे और एक ही बात बार बार सोचने की प्रॉब्लम से कैसे छुटकारा पाए ?
क्या आपने अपने आसपास ऐसे लोगो को भी देखा है जो अक्सर जल्दी में रहते है। ऐसे लोग हमेशा भागते हुए से नजर आते है। ये overthinking की problem की वजह से होता है जिसमे वो क्या कर रहे है उस पर उनका कोई नियंत्रण नहीं रहता है। overthinking को अगर हिंदी में समझे तो ek baat ko bar bar sochna है। इस समस्या से परेशान लोगो के दिमाग में एक ही विचार की वजह से अनचाहे विचार घुमने लगते है। अगर देखा जाए तो overthinking की असली वजह है बेवजह सोचना। आज हम बात करने वाले है ज्यादा सोचने की बीमारी की जिससे कैसे आसानी से सिर्फ dainik life ke tips in Hindi के द्वारा ही छुटकारा पा सकते
डेली लाइफ में की जाने वाली इन मिस्टेक का आप पर क्या असर पड़ता है जानिए
खुद पर डाउट करने के नुकसान क्या है ? हम खुद पर डाउट करते है तब क्या होता है या फिर खुद से किये गए वादे से पीछे हटने पर क्या होता है। क्या आप भी खुद के साथ ऐसी गलतिया कर रहे है जो आपके लिए बहुत खतरनाक है। पर्सनल डेवलपमेंट के लिए आपको इन खास आदत में बदलाव लाना ही पड़ेगा क्यों की जब तक आप ये गलतिया दोहराते रहेंगे आप कभी आगे नहीं बढ़ सकते। आइये जानते है ऐसे कुछ पॉइंट के बारे में जिन्हे आप अपने डेली लाइफ में दोहराते रहते है और फिर धीरे धीरे आप बहुत नकारात्मक बन जाते है। डेली लाइफ में छोटी छोटी बातो का क्या असर पड़ता है जानना बेहद जरुरी
क्या आप जानते है दुसरो के मन की आवाज कैसे महसूस करे जानिए खास सीक्रेट्स
मन की आवाज सुनना किसी भी वाक्य के विश्लेषण के बगैर ही उसे स्वीकार करना। ज्यादातर श्रद्धा और विश्वास के मामले में हम intuition शब्द का इस्तेमाल करते है। आध्यत्मिक स्तर पर इसका बहुत बड़ा महत्व है और शरीर से बाहर विचरण हो या सूक्ष्म शरीर की यात्रा ये हर जगह हमारे सफर को आसान बनाता है। सहज बोध या मन की आवाज इसे हम ऐसे समझ सकते है : “हम कही जा रहे है और अचानक ही हमारे अंदर से अहसास होता है की हमें आज नहीं जाना चाहिए। हम रुक जाते है और बाद में पता चलता है की हमें वाकई नहीं वहा नहीं जाना चाहिए था। जैसे एक्सीडेंट, ख़राब सफर या अन्य किसी वजह से हम जाते
अनचाहे विचारो से छुटकारा पाना है तो आजमाइए इन तरीको को
विचार हमारे सबसे अच्छे दोस्त भी है सबसे बुरे दुश्मन भी क्यों की अक्सर हम लोगो के बिच अपने विचारो से लोकप्रिय भी बन सकते है और उनके लिए बुरे भी बन सकते है। आज की पोस्ट में हम जानेंगे की कैसे हम अपने विचारो पर कण्ट्रोल पा सकते सकते है. विचारो को कण्ट्रोल करना उनका दमन करना नहीं है उन्हें समझना और फिर दिशा देना है। वैसे तो आपको कई माध्यम मिल जायेंगे लेकिन आज बात करेंगे कुछ ऐसे तरीको की जिनसे हम अनचाहे विचारो को कण्ट्रोल करना संभव कर सकते है वो भी बिना किसी परेशानी के। विचारो को कैसे कण्ट्रोल किया जाना सही है। ज्यादातर लोग सोचते है की विचारो के प्रवाह को रोकना ही सही है